इन्वर्टर बैटरी में पानी डालते समय न करें ये गलतियां! जानें डिस्टिल्ड वॉटर का सही उपयोग और देखभाल के गुर

इन्वर्टर बैटरी में पानी डालते समय न करें ये गलतियां! जानें डिस्टिल्ड वॉटर का सही उपयोग और देखभाल के गुर: घर में लगे इन्वर्टर की बैटरी अचानक काम करना बंद कर दे या बैकअप कम देने लगे, तो इसकी एक बड़ी वजह बैटरी में पानी की कमी हो सकती है। जी हां, इन्वर्टर बैटरी को सही तरीके से मेंटेन करना उतना ही जरूरी है, जितना कार का इंजन ऑयल चेक करना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत पानी डालने या समय पर पानी न भरने से बैटरी पूरी तरह खराब हो सकती है? आइए जानते हैं कैसे रखें अपनी बैटरी को हेल्दी और बचाएं हजारों रुपये!
क्यों जरूरी है बैटरी में पानी?
इन्वर्टर बैटरी में पानी भरने का मकसद उसके अंदर की लीड-एसिड केमिकल प्रक्रिया को संतुलित रखना होता है। बैटरी चार्ज होते समय गर्म होती है, जिससे पानी वाष्पित हो जाता है। अगर पानी का लेवल कम हो जाए, तो बैटरी की प्लेट्स खराब होने लगती हैं और उसकी क्षमता घट जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 90% बैटरी फेलियर सिर्फ पानी की लापरवाही की वजह से होते हैं।
डिस्टिल्ड वॉटर ही क्यों?
“नल का पानी या मिनरल वॉटर बैटरी के लिए जहर है!” यह कहना है दिल्ली के बैटरी एक्सपर्ट राजीव शर्मा का। उनके मुताबिक, डिस्टिल्ड वॉटर (शुद्ध पानी) में मिनरल्स और आयरन नहीं होते, जो बैटरी प्लेट्स पर जमकर करंट फ्लो रोकते हैं। एक लीटर डिस्टिल्ड वॉटर की कीमत महज ₹20-30 है, जो बैटरी की लाइफ 2-3 साल तक बढ़ा सकता है।
पानी डालने का सही समय और तरीका
- समय: गर्मियों में हर 45 दिन और सर्दियों में 2-3 महीने के अंतराल पर बैटरी चेक करें।
- लेवल चेक करें: बैटरी के ऊपर लगी कैप खोलें। पानी का लेवल प्लेट्स से 10-15 मिमी ऊपर होना चाहिए।
- कितना पानी डालें? अगर लेवल कम है, तो धीरे-धीरे डिस्टिल्ड वॉटर डालें। ओवरफिल न करें, नहीं तो एसिड डाइल्यूट हो जाएगा।
ये गलतियां बन सकती हैं महंगी!
- टैप वॉटर का उपयोग: नल के पानी में कैल्शियम और मैग्नीशियम बैटरी के अंदर सफेद परत जमा देते हैं।
- ओवरचार्जिंग: ज्यादा चार्जिंग से पानी जल्दी खत्म होता है। ऑटो-कट वाले इन्वर्टर ही यूज करें।
- पानी की क्वालिटी: बाजार में मिलने वाले कुछ डिस्टिल्ड वॉटर भी अशुद्ध होते हैं। एक्सपर्ट्स Luminous या Exide कंपनी के वॉटर कैन खरीदने की सलाह देते हैं।
क्या होगा अगर न डालें पानी?
इलेक्ट्रिशियन मोहन लाल का कहना है, “मैंने एक केस देखा जहां बैटरी में 6 महीने तक पानी न डालने से उसमें आग लग गई।” पानी की कमी से:
- बैटरी गर्म होकर फूल सकती है।
- बैकअप टाइम 50% तक कम हो जाता है।
- नई बैटरी पर ₹3,000-₹7,000 तक का खर्च आ सकता है।
एक्सपर्ट की सलाह
“हमेशा सुबह के समय ही बैटरी में पानी डालें। चार्जिंग के तुरंत बाद पानी न डालें, वरना गर्म प्लेट्स फट सकती हैं। साल में एक बार बैटरी टर्मिनल्स को बेकिंग सोडा से साफ करें,” – रमेश त्यागी, ल्यूमिनस सर्विस सेंटर।
अगला कदम: अगर आपकी बैटरी 2 साल से पुरानी है और बार-बार पानी कम हो रहा है, तो तुरंत बैटरी चेक करवाएं। याद रखें, थोड़ी सी सावधानी आपको भारी खर्चे से बचा सकती है!